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देश में 1600 आउटलेट, अब पाई-पाई को मोहताज और जेल में कट रही ज‍िंदगी

CR Subramanian Life: सीआर सुब्रमण्यम (CR Subramanian) की सक्‍सेस स्‍टोरी और फ‍िर उनकी बर्बादी क‍िसी फ‍िल्‍म से कम नहीं है. पहले आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थानों से पढ़ाई. फ‍िर इंजीनियरिंग, बैंक‍िंग और बिजनेस सेक्‍टर में अपने टैलेंट से लोहा मनवाया. पढ़ाई के दौरान बड़े-बड़े सपने देखे और इन सपनों को सच करने के ल‍िए हर वो काम क‍िया, जो वो कर सकते थे. अपने सपनों को हकीकत में बदलने के ल‍िए यह शख्‍स इस हद तक चला गया क‍ि आज उसकी जिंदगी जेल में बीत रही है. आइए आपको बताते हैं अर्श पर पहुंचने के बाद सुब्रमण्यम की ज‍िंदगी में ऐसा क्‍या हुआ क‍ि वो फर्श पर आ गए और आज जेल में ज‍िंदगी काटने के ल‍िए मजबूर हैं.

34 साल पहीले 1991 में सुब्रमण्यम ने अपनी पहली कंपनी व‍िश्‍वप्र‍िया फाइनेंशियल सर्विसेज शुरू की. यह एक एनबीएफसी (NBFC) कंपनी थी और लोगों को उनके न‍िवेश पर दूसरों की बजाय बेहतर र‍िटर्न का दावा करती थी. व‍िश्‍वप्र‍िया ने न‍िवेशकों को आकर्ष‍ित करने के लि‍ए कई तरह की स्‍कीम शुरू कीं. इनमें प्राइम इन्वेस्ट, एसेट बैक्ड सिक्योरिटी बॉन्ड, ल‍िक्‍व‍िड प्लस और सेफ्टी प्लस काफी प्रचल‍ित स्‍कीम थीं. न‍िवेश करने वालों से अच्‍छे र‍िटर्न का वादा क‍िया जाता था. जानकारी के अनुसार व‍िश्‍वप्र‍िया में 587 निवेशकों ने 137 करोड़ से ज्यादा का न‍िवेश क‍िया.

1997 में शुरू की रिटेल चेन ‘सुभिक्षा’

इसके बाद सुब्रमण्यम ने 1997 में चेन्‍नई में रिटेल चेन ‘सुभिक्षा’ को शुरू क‍िया. यह कंपनी किराने का सामान, फल, सब्जी, दवाइयां और मोबाइल फोन बेचती थी. महज एक मिलियन डॉलर से शुरू हुई यह कंपनी तेजी से देशभर में मशहूर हो गई. कम कीमत और ज्यादा बिक्री की रणनीत‍ि के साथ बाजार में आई इस कंपनी ने लोगों के बीच तेजी से जगह बनाई. इसका असर यह हुआ क‍ि सुभ‍िक्षा स्‍टोर छोटे-छोटे शहरों और कस्बों तक पहुंच बनाने लगा. यहां लोगों को सस्‍ती कीमत में क‍िराने का सामान, फल-सब्‍ज‍ियां और दवाएं म‍िलते.

2008 तक सुभिक्षा के देशभर में 1600 स्टोर

1997 में शुरू हुए सुभिक्षा के 1999 तक चेन्‍नई में 14 स्टोर खुल गए. साल 2000 तक यह संख्या बढ़कर 50 हो गई. 2006 तक कंपनी के 420 स्टोर गुजरात, दिल्ली, मुंबई, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में फैल गए. अक्टूबर 2008 तक सुभिक्षा के देशभर में 1,600 स्टोर हो गए. धीरे-धीरे कंपनी देश की बड़ी रिटेल कंपनियों में से एक बन गई. सुब्रमण्यम का कारोबारी साम्राज्य अपने चरम पर था और लोग उनकी कामयाबी की मिसाल देते. उनके ब‍िजनेस में अजीम प्रेमजी, ICICI वेंचर्स और कोटक महिंद्रा बैंक जैसे द‍िग्‍गज निवेशकों की मदद म‍िली.

नए न‍िवेशकों से लेकर पुरानों को द‍िया पैसा

सुभ‍िक्षा को शुरू करने के ल‍िए सुब्रमण्यम ने व‍िश्‍वप्र‍िया के जर‍िये निवेशकों से पैसा जुटाया था. सुभ‍िक्षा का व‍िस्‍तार करने के ल‍िए व‍िश्‍वप्र‍िया ने जबरदस्‍त मार्केटिंग, कॉम्‍पटीशन और पर्सनल कॉन्‍ट्रैक्‍ट को यूज क‍िया गया. ब्रोकर्स के जर‍िये लोगों को 15 से 20 प्रत‍िशत तक के र‍िटर्न का लालच द‍िया गया. न‍िवेशकों से पैसा लेकर उनकी जानकारी के ब‍िना सुभ‍िक्षा में न‍िवेश कर उसका व‍िस्‍तार क‍िया गया. न‍िवेशक जब पैसे मांगते तो नए न‍िवेशकों से पैसे लेकर पुराने इनवेस्‍टर को दे द‍िया जाता. लोगों को यह नहीं पता था क‍ि पैसा कहां से आ रहा है. लेक‍िन इससे न‍िवेशकों का व‍िश्‍वास बढ़ता गया.

निवेशकों के साथ धोखाधड़ी का आरोप लगा

साल 2008 तक तो सब सही चलता रहा. इसके बाद सुभिक्षा नकदी संकट का सामना करने लगी. कर्मचारियों की सैलरी, पीएफ का भुगतान नहीं हुआ. माल देने वाली कंपन‍ियों का बकाया बढ़ता गया. सुब्रमण्यम ने 80 से ज्यादा शेल कंपनियां बनाकर निवेशकों के पैसे को दूसरी तरफ डायवर्ट करना शुरू कर द‍िया. उन पर निवेशकों के साथ धोखाधड़ी का आरोप लगा और 2009 में सुभिक्षा बंद हो गया. 2015 में आर्थ‍िक अपराध शाखा ने सुब्रमण्यम के ख‍िलाफ केस दर्ज क‍िया. जांच में सामने आया क‍ि सुब्रमण्यम ने बैंक ऑफ बड़ौदा के 77 करोड़ के कर्ज को नहीं चुकाया. 2018 में ईडी ने सुब्रमण्यम को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया.

अदालत ने सुब्रमण्यम को 20 साल की सजा सुनाई

20 नवंबर 2023 को चेन्‍नई की स्‍पेशल कोर्ट ने निवेशकों से धोखाधड़ी का दोषी पाया. शेल कंपनियों के जर‍िये निवेशकों के पैसे का गलत यूज क‍िया. 587 निवेशकों का 137 करोड़ से ज्यादा लौटाया नहीं गया. इसके चलते अदालत ने सुब्रमण्यम को 20 साल की सजा सुनाई. अदालत ने सुब्रमण्यम पर 8.92 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया. उनकी कंपनियों पर 191.98 करोड़ का जुर्माना ठोका. इसमें से 180 करोड़ निवेशकों को वापसी के ल‍िए रखे गए. अदालत ने एक अधिकृत संस्था को निवेशकों के दावों की जांच करने और पैसे बांटने की ज‍िम्‍मेदारी दी है.

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