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मध्य प्रदेशराज्य समाचार

रतलाम के बैंक में जमा हुए 11 करोड़ ‘राम’ नाम, विश्व रिकॉर्ड की ओर एक अनोखा कदम

रतलाम
भौतिकवाद के इस दौर में रुपए पैसे कौन संचित नहीं करना चाहता है. पैसों को रखने के लिए कई बैंक उपलब्ध हैं. लेकिन रतलाम के सेमलिया गांव के हनुमान मंदिर में एक अनोखा बैंक मौजूद है. जहां रुपए और धन दौलत संचय करके नहीं रखे जाते बल्कि भगवान राम के नाम को जमा किया जाता है. जी हां रुपए पैसे नहीं यहां के लोग भगवान राम के नाम को लिखकर यहां जमा करवाते हैं.

मान्यता है कि, भगवान राम के नाम का संचय करने से ही कलयुग के इस दौर में हर कार्य पूर्ण होंगे और संसार में सकारात्मकता और शांति होगी. हनुमान जी के इस प्राचीन मंदिर में अब तक कुल 11 करोड़ राम नाम जमा हो चुके हैं. जिनका बाकायदा हिसाब रखा जाता है और इन्हें मंदिर के गर्भ ग्रह की छत में सुरक्षित रखा गया है.

रतलाम के बैंक में पैसे नहीं राम धन होता है जमा

दरअसल, वर्ष 2016 में गांव के कुछ युवा और रामायण मंडल ने हनुमान जी के प्राचीन मंदिर के निर्माण के संकल्प के साथ भगवान राम के नाम लेखन का एक मिशन शुरू किया था. जिसका उद्देश्य युवाओं को अध्यात्म जोड़ना और विश्व कल्याण की भावना थी. धीरे-धीरे इस मिशन से लोग जुड़ते गए और आसपास के गांव के लोग भी राम नाम लिखने लगे. 9 वर्षों में 11 करोड़ राम नाम हनुमान जी के मंदिर में जमा हो गए और यह अभियान अनवरत जारी है.

कैसे हुई राम बैंक की शुरुआत
मंदिर के पुजारी हरीश जोशी बताते हैं कि, ''रामायण में भगवान राम के नाम के लेखन का उल्लेख है. जब राम नाम लिखे हुए पत्थर सिंधु में तैर जाते हैं तो कलयुग के इस दौर में राम नाम के लेखन का बड़ा महत्व है. इससे चतुर्गुणा जप का लाभ प्राप्त होता है. राम नाम लिखते समय हम भगवान राम नाम का दर्शन, चिंतन, मनन और लेखन करते हैं. जिससे हमारा मन शांत, निर्मल और सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है.'' गांव के जगदीश धबाई ने बताया कि, ''2016 में हनुमान जी के मंदिर बनाने के संकल्प के साथ इस कार्य की शुरुआत हुई थी. अब तक 11 करोड़ राम नाम सेमलिया गांव और आसपास के गांव के श्रद्धालुओं ने लिखे हैं.''

कैसे बना राम नाम का बैंक
रामायण मंडल सेमलिया से जुड़े संजय डाबी ने बताया कि, ''इस मिशन की शुरुआत की थी तो हमने कोई संख्या तय नहीं की थी. लेकिन धीरे-धीरे बड़ी तादाद में राम नाम लिखे हुए कॉपियां और रजिस्टर प्राप्त होने लगे. समझ नहीं आ रहा था कि इन्हें किसी पावन नदी में प्रवेश करवा दे या इन्हें रखे तो कहां रखे. लेकिन संत श्री मंगल दास जी महाराज के आशीर्वाद से हनुमान जी के मंदिर में ही भगवान राम के नाम का बैंक बनाए जाने का निर्णय लिया. इसके बाद इन सभी 11 करोड़ राम नाम को मंदिर के गर्भ गृह की छत में सुरक्षित रखा गया है. राम नाम के जमा होने का सिलसिला लगातार जारी है. इसका हिसाब भी यहां के प्रबंधन समिति द्वारा रखा जाता है.''

राम नाम के बैंक से मिली सकारात्मक
भगवान राम के नाम के इस अनोखे बैंक के फायदे के बारे में पूछे जाने पर इस समिति के सदस्य रामनारायण राठौड़ ने बताया कि, ''आज हमारे गांव की युवा पीढ़ी सकारात्मक कार्य में जुटी हुई है. मोबाइल युग की नकारात्मकता से भी यह राम नाम बचाता है. 2020-21 के कोरोना काल में भी राम नाम लिखने की यह धुन जारी रही है.''

वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवाने की तैयारी
समिति से जुड़े राजेश गोस्वामी ने बताया कि, ''उनके द्वारा ली गई जानकारी के अनुसार इतनी बड़ी मात्रा में राम नाम के लेखन का संचय संभवतः कहीं अन्य जगह पर नहीं है. जिसके लिए जानकारी जुटाई जा रही है. यदि इस तरह का कोई रिकॉर्ड गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड या लिम्का बुक में दर्ज नहीं है तो इस वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल करवाने का प्रयास अवश्य किया जाएगा.'' बहरहाल राम नाम लिखने के अनोखे मिशन से मोबाइल और इंटरनेट में डूबी रहने वाली युवा पीढ़ी जरूर सकारात्मक हो रही है और राम नाम के लेखन में गांव के कई युवा रुचि ले रहे हैं.

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